मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

बच्चों की टॉप 5 प्रेरणादायक कहानिया/Short Kids stories

 Train /रेलगाड़ी/लोह पथ गामिनी

Train /रेलगाड़ी/लोह पथ गामिनी

चुटकी बहुत प्यारी और चंचल लड़की है। चुटकी कक्षा तीसरी में पढ़ती है। एक दिन वो अपने कमरे में पढाई कर रही थी तभी उसने अपनी किताब में रेलगाड़ी का चित्र देखा । उसे तुरंत अपनी रेल यात्रा याद आ गई,जो कुछ महीने पहले अपने परिवार के साथ की थी। चुटकी ने कोयला उठाया और फिर क्या था,घर की सफ़ेद दीवार पर रेलगाड़ी का इंजन बना दिया। उसमें पहला डब्बा जुड़ा,दूसरा डब्बा जुड़ा,जुड़ते–जुड़ते कई सारे डिब्बे जुड़ गए। 

       जब कोयला  खत्म हो गया तो चुटकी अपनी दुनिया में वापस आई और उसने देखा कमरे की आधी दीवार पर रेलगाड़ी बन चुकी थी। फिर क्या हुआ।  चुटकी के मम्मी पापा ने देखा तो ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा.और उन्होंने चुटकी की इस कला की खूब प्रशंसा की और उसकी चित्रकला में रूचि देखते हुए उसको आवश्यक सामग्री खरीद के उपलब्ध कराई। और चुटकी को चित्रकला से जुड़े हुए विडिओ मोबाइल पर देखने की छूट दी।  इससे चुटकी की अपनी रूचि को पंख लग गए। 

नैतिक शिक्षा – बच्चों के मनोबल को पंक लगाई और उनके भविष्य का निर्माण में आज से ही बढ़ाये /Boost the confidence of children because they are the future

 चालक चूहा/Cleaver Rat  

( Hindi short stories )


     मोटू  के घर में एक शरारती चूहया थी । वह बहुत छोटा सा था मगर सारे घर में इधर उधर दौड़ती रहती थी। उसने मोटू  की किताब भी कुतर डाली थी। एक दिन तो उसने मोटू के कुछ कपड़े भी कुतर दिए थे। मोटू की माता  जो कई बार ही खाना बनाकर उसे ढकना भूल जाती थी। वह चूहिया उसे भी चट कर जाती थी । चूहिया खा पीकर बड़ी  हो गई थी। 

          एक दिन मोटू  की माता  ने एक बोतल में शरबत बनाकर रखा था । शरारती चुहया की नज़र बोतल पर पड़ गयी। अब वो सरबत को भी चकना चाहती थी लेकिन उसकी कोई भी तरकीब काम नहीं कर रही था लेकिन चुहिया को तो शरबत पीना था।

        चुहिया बोतल पर चढ़ी और किसी तरह से ढक्कन को खोलने में सफल हो गई । अब उसमें अपना मुंह घुसाने की कोशिश करने लगी लेकिन बोतल का मुंह छोटा था इसलिए चुहिया अपना मुंह नहीं घुसा पा रही थी । 

       फिर चुहिया  को एक  आइडिया आया उसने अपनी पूंछ बोतल में डाली। पूंछ शरबत से गीली हो जाती है उसे चाट-चाट कर चुहिया का पेट भर गया। अब वह मोटू के बिस्तर के नीचे बने अपने बिस्तर पर जा कर आराम करने लगी आज उसको पूर्ण संतुष्टि और खुश थी ।

   नैतिक शिक्षा – मेहनत करने से कोई कार्य असम्भव नहीं होता/Hard work with smartness is the key to success. 

रजत  के तीन खरगोश राजा

( Hindi short stories with moral for kids )

      रजत कक्षा तीन का छात्र था। उसके घर में तीन छोटे प्यारे प्यारे खरगोश थे।  रजत अपने खरगोश को बहुत प्यार करता था। और स्कूल से आने के बाद अधिकार समय उन्ही के साथ खेलता था और उनका पूरा ध्यान रखता था । वह स्कूल जाने से पहले पास के बगीचे से हरे-भरे कोमल घास लाकर अपने खरगोश को खिलाता था। और फिर स्कूल जाता था।स्कूल से आकर भी उसके लिए घास लाता था।और कभी कभी उनको टमाटर और फल खिलाता था।


एक  दिन की बात है  रजत को स्कूल के लिए देरी हो रही थी। वह घास नहीं ला सका,और स्कूल चला गया। जब स्कूल से आया तो खरगोश अपने घर में नहीं था।  रजत ने खूब ढूंढा परंतु कहीं नहीं मिला। सब लोगों से पूछा मगर खरगोश कहीं भी नहीं मिला।


 रजत उदास हो गया रो-रोकर आंखें लाल हो गई।  रजत अब पार्क में बैठ कर रोने लगा। कुछ देर बाद वह देखता है कि उसके तीनों खरगोश घास खा रहे थे ,और खेल रहे थे।  रजत को खुशी हुई और वह समझ गया कि इन को भूख लगी थी इसलिए यह पार्क में आए हैं। मुझे भूख लगती है तो मैं मां से खाना मांग लेता हूं। पर इनकी तो मां  भी नहीं है। उसे दुख भी हुआ और खरगोश को मिलने की खुशी भी हुई।

नैतिक शिक्षा –  जो दूसरों के दर्द को समझता है उसे दुःख छू भी नहीं पता/ Understand the agony of others. You will never feel any sorrow

दोस्ती का महत्व/Importance of friends
( Hindi short stories with moral for kids )

 रजत  गर्मी की छुट्टी में अपनी नानी के घर जाता हैं  । वहां रजत को खूब मजा आता हैं ,क्योंकि नानी के आम का बगीचा हैं  वहां रजत ढेर सारे आम खाता है और खेलता है। उसके पांच दोस्त भी हैं,पर उन्हें रजत आम नहीं खिलाता है।

       एक  दिन की बात है, रजत को खेलते खेलते चोट लग गई। रजत के दोस्तों ने रजत  को उठाकर घर पहुंचाया और उसकी माता  से उसके चोट लगने की बात बताई, इस पर रजत को मालिश किया गया।

        माता  ने उन दोस्तों को धन्यवाद किया और उन्हें ढेर सारे आम खिलाएं। रजत जब ठीक हुआ तो उसे दोस्त का महत्व समझ में आ गया था। अब वह उनके साथ खेलता और खूब आम खाता था।

  नैतिक शिक्षा – 

        दोस्त सुख-दुःख के साथी होते है। उनसे प्यार करना चाहिए कोई बात छुपानी नहीं चाहिए/Always love your best friend. And take the time to choose your friends. Because friends will decide your behavior towards the situation in life.

चिड़िया के होंसले की कहानी |/Chidiya ke honsle ki Story In Hindi


          एक  जंगल था  जिसमें भांति भांति के  छोटे-बड़े जानवरों और पक्षियों का बसेरा था।  उसी जंगल के एक पीपल के पेड़ पर घोंसला बनाकर एक सोहन चिड़िया भी रहा करती थी जो बहुत छोटी सी थी सब उसे प्यार से नन्ही नानी कहते थे। एक दिन जंगल में भीषण आग लग गई।  

      सही जीव जन्तुओ में चारो और  हा-हाकार मच गया। सब अपनी जान बचाकर भागने लगे लेकिन छोटी  चिड़िया जिस पेड़ पर रहा करती थी वह भी आग की चपेट में आ गया था। ऐसी परिस्थति में चिड़िया को भी अपनी जान बचाने के लिए उसे भी अपना घोंसला छोड़ना पड़ा।

     लेकिन चिड़िया  जंगल की आग देखकर बिलकुल भी नहीं  घबराई।  वह तुरंत बिना वक्त गंवाए नदी के पास गई और अपनी चोंच में पानी भरकर जंगल की ओर लौटी. चोंच में भरा पानी आग मे छिड़ककर वह फिर नदी की ओर गई. 

      इस तरह नदी से अपनी चोंच में पानी भरकर बार-बार वह जंगल की आग में डालने लगी। उसकी इस हरकत को बाकि सभी जानवर देख रहे थे और चिड़िया की इस मूर्खतापूर्ण काम को देख कर सभी हंसने लगे और  बोले, “अरे चिड़िया रानी, ये क्या कर रही हो? चोंच भर पानी से जंगल की आग बुझा रही हो,मूर्खता छोड़ो और प्राण बचाकर भागो. जंगल की आग ऐसे नहीं बुझेगी।”

       उनकी बातें सुनकर चिड़िया बोली, “तुम लोगों को भागना है, तो भागो  मैं नहीं भागूंगी  ये जंगल मेरा घर है और मैं अपने घर की रक्षा के लिए अपना पूरा प्रयास करूंगी फिर कोई मेरा साथ दे न दे.”

       चिड़िया की बात सुनकर सभी जानवरों के सिर शर्म से झुक गए।  उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ।  सबने चिड़िया से क्षमा मांगी और फिर उसके साथ जंगल में लगी आग बुझाने के प्रयास में जुट गए. अंततः उनकी मेहनत रंग लाई और जंगल में लगी आग बुझ गई।

Moral of the story -मनुष्य को भी नन्ही चिड़िया के जैसे कठिन परिस्थति में  बिना प्रयास के कभी हार नहीं माननी चाहिए।


                               मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है।
                               पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।  


विपत्ति चाहे कितनी ही बड़ी क्यों न हो? बिना प्रयास के कभी हार नहीं मानना चाहिए.



 

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