सोमवार, 27 फ़रवरी 2023

दो पक्षियों की प्रेम कथा -सच्ची घटना पर आधारित

 जीवन में किसी और का प्रवेश 

दो पक्षियों की  प्रेम कथा

   यह एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी हैं। मैं अपने परिवार के साथ एक हरी भरी सोसायटी में रहती हूं। ग्रीष्मकाल अवकाश का समय था।सुबह और सांय बच्चो,महिलाओं और बुजुर्गो की चहल पहल के बीच सेंट्रल पार्क के चारो और टहलने के लिए एक पक्का पगडंडी बनी हुई थी।क्योंकि पेड़ पौधों के कारण पक्षियों भी चहकते रहते थे।उन्हीं पक्षियों में एक जोड़ा टिटहरी का था और वो दोनों पार्क के साथ लगी पगडंडी पर ही अपना आशियाना बना रखा था। और दोनो आसपास के घरों पर और पार्क में टहलते रहते थे और अक्सर टी- टी - टी - टी की आवाज करते रहते थे। और ये जोड़ा लोगो की चर्चा का विषय होता था क्योंकि वो दोनो साथ साथ ही रहते थे। 

        कुछ समय के बाद मादा टिटहरी ने अंडे दिए। अब मादा टिटहरी उन अंडो के ऊपर बैठी रहती थी। और नर टिटहरी भोजन के लिए उधर उधर टहलते रहता था। और जब लोग उनके घोंसले के पास से गुजरते तो अमूमन मादा टिटहरी अपने पंखों को फैला देती थी।और टी- टी- टी- टी करने लगती और उससे मुख्यत बच्चे चलके उसके घोंसले के पास से गुजरते और टिटहरी की ये हरकत देख के खुश होते। और बड़े लोग अक्सर उससे दूरी बनाकर आगे निकल जाते थे। क्योंकि टिटहरी को अपने अंडो में पल रहे बच्चो को लोगो से खतरा महसूस करती थी। 

      ये सिलसिला लंबे समय तक चला। एक दिन देखा की उनके जीवन में एक मादा टिटहरी का प्रवेश हुआ। लोगो ने सोचा की उनके रिश्ते से कोई देखभाल के लिए आई हैं। अब वो दोनो भोजन के लिए उधर उधर साथ साथ जाने लगे और कब उनमें प्रेम पनप गया। और वो दोनो कन्ही दूर चले गए। अब मादा टिटहरी पे दोहरी जिम्मेदारी आ गई। अंडो की सुरक्षा के साथ साथ भोजन की व्यवस्था भी उसे करनी पड़ती थी। अब वो उसके आशियाना के पास से गुजरने वाले अन्य जानवर जिनमें पालतू कुत्ते हुया करते थे।और बच्चो पे चोंच से हमला करना शुरू कर दिया ।तो लोग समझ गए की नर टिटहरी उस रिश्तेदार के साथ कन्हि और घर बसा लिया हैं ।और इसके कारण अंडो की देखरेख करते करते यह टिटहरी चिड़चिड़ी हो चुकी थी। 

       आखिर एक दिन किसी ने मौका देख के उसके अंडो को चुरा लिया। कुछ दिन वो टिटहरी दुखी मन से इधर उधर भटकती रही और विलाप करती रही।और अंत में वो भी वँहा से कंही और विस्थापित हो गई ,इस प्रकार एक प्रेम कहानी का अंत हुआ लेकिन आजकल के समाज में अक्सर देखा जाता है की जहां जिंदगी में किसी और की एंट्री होती हैं तो ऐसी स्थिति में चक्की के दो पाटों के बीच बच्चों को ही पीसना होता है। इसलिए रिश्तों की इस डोर को कस के पकड़िए ताकि आने वाली पीढ़ी को इसका खामियाज़ा ना भुगतना पड़े।

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