सोमवार, 26 जून 2023

घमंडी राजा की कहानी

 घमंडी राजा की कहानी

घमंडी राजा की कहानी

एकबार एक राजा था । राजा दिखने में बहुत रूपवान और सुदृढ़ था और उसे इस बात का बहुत घमंड था। एकबार राजा दरबार में अपने रूप की प्रशंसा कर रहा था और कह रहा था की वो इतना सुंदर और बलवान हैं की भगवान भी उसके सामने बौने होंगे। तभी वहां से भगवान गुजर रहे थे । उन्होंने राजा की बात सुनी और एक राजा के इस घमंड के भाव से क्रोधित हो गए। भगवान ने उसे श्राफ दिया की उसके सिर पर दो सिंह निकल आए

       अगले दिन जैसे ही राजा सुबह जगा तो उसने देखा की उसके सिर पर 2 सिंग निकले हुए हैं। राजा वापस चादर ओढ़ के सो गाया । राजा ने सिपाई को बुलाया और कहा की शाही नाई को बुलाकर लाए। थोड़े समय के बाद शाही नाई महल में पहुंचा और सीधे राजा के कक्ष में गया । राजा ने सिपाइयो को जाने का आदेश दिया ।राजा ने चादर के अंदर से ही नाई से बात कर रहा था । उसने नाई से कहा की आप मुझे तीन वादे करो की आप को जो में चीज दिखाऊंगा उसपर आप हंसेगा नही । 

       नाई ने कहा की ठीक हैं महाराज में बिल्कुल भी हंसी नहीं करूंगा।दूसरा वादा करो की यह बात किसी और को नही बताओगे।इसके लिए भी नाई ने राजा से कहा की वो किसी को भी नही बताएगा। राजा ने नाई से कहा की जो समस्या में आपको बताऊंगा उसका इलाज भी आपको खोजना हैं। नाई ने हामी भरदी की ठीक हैं महाराज आपके इस आदेश की भी पालना हो जायेगी। उसके बाद राजा ने अपने को चादर से अलग किया और नाई को अपने सर पर उगे 2 सिंग दिखाए। जैसे ही नाई ने देखा वो अपनी हंसी रोक नही पाया। इससे राजा बहुत क्रोधित होगया । लेकिन नाई ने तुरंत राजा से माफी मांगी और कहा की वो शेष दोनो आदेशों की पूरी पालना करेगा। नाई ने राजा के बड़े बालों से दोनो सिंग को छुपा दिया और उसकी अच्छी डिजाइन बना कर राजा को पगड़ी पहना दी जिससे किसी को पता ना चले।और नाई ने राजा से जाने की अनुमति ली और चला गया। नाई महल के बरामदे तक ही पहुंचा था की उसने देखा की एक बड़ा बरगद का पेड़ हैं जिसमे चिड़ियाओं के अपने घोंसले के लिए छोटी छोटी गुफाएं बना रखी थी। नाई से रहा नही गया और उसने बरगत के उन छेड़ो में मुंह दिया और बोला की "राजा के दो सिंग राजा के दो सिंग" और नाई बोलकर आगे चला गया। 

       एक रात उस बरगद के पेड़ पर बिजली गिरी और पेड़ टूट कर ढेर हो गया। राजा ने आदेश दिए की पेड़ की लकड़ी अच्छी हैं इनसे म्यूजिकल यंत्र बनालो। एक दिन राजा का मन संगीत सुनने का किया तो वाद्य यंत्र मंगवाए और संगीत शुरू करने का आदेश दिया। तो सभी यंत्र गाने लगे की "राजा के दो सिंग राजा के दो सिंग" इस पर दरबार के बैठे सभी मंत्रीगण हंसने लगे।राजा इससे क्रोधित होकर राजपाट छोड़ दिया और जंगल में जाकर एक कच्ची झोंपड़ी बनाईं और जंगली जानवरों के साथ रहने लगा। जंगल में राजा ने अपने मनोरंजन के लिए बांसुरी बजाना शुरू किया। और धीरे धीरे वो बहुत ही अच्छी बांसुरी बजाने लगे उसकी बांसुरी सुनकर जंगल के सारे जानवर इकठे होने लगे । एक दिन राजा जंगल में तालाब से पानी लाने गया तो राजा ने पानी में अपनी परछाई देखी और अपना चेहरा देख कर राजा रोने लग गया। इसके बाद हमेशा राजा आंख बंद करके पानी भरता और अपना चेहरा नहीं देखता। 

        एक दिन वही भगवान उधर दे गुजर रहे थे तभी उन्हें बांसुरी की मधुर आवाज सुनाई दी और उन्होंने देखा की इस जंगल में इतनी मधुर बांसुरी कोन बजा रहा हैं। भगवान ने मनुष्य रूप धारण किया और राजा के पास पहुंचे। और राजा से कहा की आप उसी राज्य के राजा हो क्या जिसके राजा सबसे सुंदर थे। इसपर राजा ने भगवान को अपनी पूरी व्यथा की कहानी बताई।और फिर भगवान ने अपना वास्तविक रूप में प्रकट हुए और बताया की उसका घमड़ तोड़ने के लिए ही आपको श्राफ दिया था। राजा ने भगवान से माफी मांगी और भगवान ने उसके सर से दोनो सिंग हटा दिए और उसको उसका रूप और राजपाट वापस लौटा दिया।।
 

शिक्षा - मनुष्य को किसी भी बात पे घमड़ी नही होना चाहिए। क्योंकि घमंड विनाश का रूप होता हैं।

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