गुरुवार, 4 मई 2023

स्वर्ग की मुद्रा- नेकी कर दरिया में डाल

 स्वर्ग की मुद्रा- नेकी कर दरिया में डाल 

स्वर्ग की मुद्रा- नेकी कर दरिया में डाल

 

         एक धनराज नामक उद्योगपति था। वह प्रतिदिन अपनी कार से अपने ऑफिस जाता था। जैसे ही वह कार में बैठता तो FM रेडिओ शुरू करता। रेडिओ पर एक व्यक्ति सुबह सुबह आध्यात्मिक बातें सुनाता था।  वह हमेशा अपने कार्यकर्म की शुरुवात में कहता। जीवन का एक ही मूल मन्त्र हैं।  नेकी कर और दरिया में डाल। जीवन में नेकी के अलावा कुछ साथ नहीं जायेगा। कुछ भी साथ नहीं जायेगा यह वाक्य प्रतिदिन सुन सुन कर धनराज चिंतित होने लगा की मैंने इतनी मेहनत से इतनी धन सम्पदा बनाई हैं। और यह व्यक्ति बोल रहा ह कुछ भी साथ नहीं जायेगा। उसने निश्चित किया की कुछ करना पड़ेगा। वह अपने ऑफिस पहुंचा और PA को बुलाया और कहा की एक सर्कुलर जारी करो  जिसमे जो भी कर्मचारी यह उपाय सुझाएगा जिससे मृत्यु के बाद में अपनी धन सम्पदा साथ लेकर जा सकूँ। जैसे ही सर्कुलर जारी किया और सभी कर्मचारियों ने उसे पढ़ा तो मन ही मन कहने लगे की धनराज जी सटिया गए हैं।  निश्चित उनपे उम्र का असर दिखने लगा हैं। 

           बहुत लोगो ने इनाम के लालच में अपने अपने सुझाव दिए लेकिन धनराज के किसी का भी सुझाव गले नहीं उतरा।  फिर उसने इनाम की राशि को दुगना कर दिया। तभी एक अनजान व्यक्ति ने कहा की उसके पास एक आईडिया हँ।  जिससे धनराज की समस्या का समाधान हैं। तभी धनराज ने अपने मैनेजमेंट की मीटिंग में उस व्यक्ति को आमंत्रित किया। और उस व्यक्ति ने धनराज से कुछ प्रश्न पूछना शुरू किया।  
व्यक्ति - धनराज जी क्या आप अमरीका गए हैं ?
धनराज - हाँ मेरा पूरी दुनिया में कारोबार हैं तो मेरा आना जाना लगा रहता हैं।
व्यक्ति -निश्चित ही आपके रूपये अमरीका में अनुपयोगी होंंगे ।

धनराज - हाँ में रूपये को डॉलर में बदलवा लेता हूँ।  वंहा पर डॉलर ही चलता हैं
व्यक्ति - आप इंग्लैंड और अन्य देशो में भी जाते रहते होंगे और वंहा पे भी ऐसी व्यवस्था देखि होगी.
धनराज - हाँ इंग्लैंड में पौंड का चलन हैं और अन्य देशो में भी वंहा की करेंसी का प्रचलन होता हैं।
व्यक्ति - धनराज जी इसी प्रकार से मृत्यु के बाद भी आप अपने रूपये को कन्वर्ट करके लेके जा सकते हैं।
धनराज - लेकिन वंहा पे इस रूपये को  किसमे कन्वर्ट करना होगा।
व्यक्ति -आप अपने रूपये को स्वर्ग की मुद्रा में बदल सकते हैं।  जो हैं नेकी कर दरिया में डाल।
इसलिए धनराज जी आप अपने रूपये को लोगो के भलाई में खर्च करे।  ये सारा नेक कार्य स्वर्ग की मुद्रा में बदलता जायेगा  जिसका नाम हैं नेकी। इसलिए धीरे धीरे आप अपने रूपये को नेक कार्यो में लगते रहो ताकि आपके साथ स्वर्ग में नेकी जा सके।
इसलिए कहा जाता हैं की मर्त्यु के बाद केवल नेकी साथ जाती हैं।
तब  धनराज को अपनी कठिन मेहनत से कमाया रुपया अपनी मृत्यु के बाद अपने साथ  ले जाने का रास्ता मिला।

शिक्षा - व्यक्ति को बढ़ती उम्र के साथ साथ अपनी कमाई को नेकी की मुद्रा में बदलते रहना चाहिए अन्यथा आप अपनी मेहनत की कमाई यंही पे छोड़ कर जाना पड़ेगा।


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